शरीर में ज्यादा ठंड लगने पर क्या करें? कारण, उपाय और घरेलू नुस्खे | Ayurvedic Remedies in Hindi


शरीर में ज्यादा ठंड लगने पर क्या करें? 

What to do if you feel too cold in your body? : शरीर में ज्यादा ठंड लगना कई लोगों के लिए एक आम समस्या होती है, खासकर सर्दियों के मौसम में। ये समस्या कभी-कभी स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है, और अगर सही देखभाल न की जाए तो ये और बढ़ सकती है। आइए जानते हैं कि शरीर में ज्यादा ठंड लगने के कारण क्या हो सकते हैं, इसके क्या लक्षण होते हैं, और किन घरेलू नुस्खों से इसे कम किया जा सकता है।
शरीर में ज्यादा ठंड लगने पर क्या करें? कारण, उपाय और घरेलू नुस्खे | Ayurvedic Remedies in Hindi


शरीर में ज्यादा ठंड लगने के कारण

शरीर में ज्यादा ठंड लगने पर क्या करें? कारण, उपाय और घरेलू नुस्खे | Ayurvedic Remedies in Hindi


Facebook Follow on Facebook सामान्य कारण

सर्दियों में ठंड लगना एक सामान्य बात है, लेकिन कई बार ये ठंड दूसरों से ज्यादा महसूस होती है। इसके कई सामान्य कारण होते हैं, जैसे कि हमारे शरीर की गर्माहट बनाए रखने की क्षमता का कम होना। हमारे शरीर की गर्मी मुख्य रूप से हमारी मेटाबॉलिज्म रेट पर निर्भर करती है। अगर मेटाबॉलिज्म धीमा हो तो शरीर का तापमान नियंत्रित रखना मुश्किल होता है, और हमें ठंड ज्यादा लगने लगती है।

 थायरॉयड और हार्मोनल असंतुलन

अगर ठंड बार-बार लगती है या दूसरों से ज्यादा महसूस होती है, तो इसका कारण थायरॉयड की समस्या हो सकता है। हाइपोथायरॉयडिज्म, जिसमें थायरॉयड ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती और हार्मोन का स्तर कम होता है, इसकी वजह से शरीर में ऊर्जा का स्तर भी कम हो जाता है। इससे शरीर को गर्मी पैदा करने में दिक्कत होती है और ठंड ज्यादा लगती है। इसके अलावा हार्मोनल असंतुलन, खासकर महिलाओं में, ठंड ज्यादा लगने का कारण बन सकता है।

खून की कमी (एनीमिया)

एनीमिया यानी खून की कमी से भी ठंड ज्यादा महसूस होती है। खून का काम शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाना है, और जब शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है, तो शरीर को सही तापमान बनाए रखने में परेशानी होती है। शरीर में खून की कमी हो तो ठंड भी ज्यादा लगती है और थकान भी जल्दी होती है। खासकर महिलाएं और बच्चे इससे अधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि उनमें आयरन की कमी होना सामान्य होता है।



 शरीर में ठंड लगने के संकेत और स्वास्थ्य पर असर


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ठंड से इम्यून सिस्टम पर असर

ठंड का हमारे इम्यून सिस्टम पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर हम हमेशा ठंड महसूस करते हैं तो इसका मतलब है कि हमारा शरीर उतना मजबूत नहीं है जितना होना चाहिए। इम्यून सिस्टम कमजोर होने से बीमारियाँ आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकती हैं। ऐसे लोग अक्सर जुकाम, खांसी और अन्य मौसमी बीमारियों से प्रभावित हो जाते हैं। ठंड के कारण शरीर में ब्लड फ्लो भी धीमा हो जाता है, जिससे इम्यून सिस्टम और कमजोर हो सकता है।

 हड्डियों और जोड़ों में दर्द बढ़ना

ज्यादा ठंड से हड्डियों और जोड़ों में दर्द भी बढ़ सकता है। कई लोगों को सर्दियों में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है, और ये ठंड ज्यादा महसूस करने वालों में अधिक होता है। जब शरीर का तापमान गिरता है, तो शरीर के जोड़ों में खून का प्रवाह धीमा हो जाता है और इसकी वजह से दर्द और अकड़न की समस्या बढ़ सकती है। खासकर बुजुर्गों में ये समस्या अधिक देखी जाती है, जिनकी हड्डियाँ उम्र के साथ कमजोर हो जाती हैं।

 त्वचा और सांस की समस्याएँ

ज्यादा ठंड से त्वचा का रूखापन और सांस की समस्या भी बढ़ सकती है। ठंड के कारण त्वचा की नमी कम हो जाती है, जिससे खुजली, फटी त्वचा और हाथ-पैरों में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। इसके साथ ही, सर्दियों में सांस की समस्याएं, जैसे कि अस्थमा, खांसी और ब्रोंकाइटिस भी ठंड ज्यादा महसूस करने वालों में सामान्य से ज्यादा होती हैं।

 शरीर को गर्म रखने के घरेलू उपाय


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खानपान में बदलाव

खानपान में छोटे बदलाव करके हम शरीर की गर्मी बढ़ा सकते हैं। अदरक, हल्दी और काली मिर्च जैसी चीजें हमारी रोजमर्रा की रसोई में ही उपलब्ध होती हैं, और ठंड से बचाने में बहुत मददगार होती हैं। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं, और शरीर में गर्माहट बनाए रखते हैं। अदरक का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है जिससे शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्मी मिलती है।

सरसों और तिल के तेल की मालिश

शरीर को गर्म रखने के लिए सरसों और तिल के तेल से मालिश बहुत फायदेमंद मानी जाती है। सरसों का तेल त्वचा में गहराई तक प्रवेश करता है, और खून का प्रवाह बढ़ाता है। सर्दियों में रोजाना मालिश करने से ठंड कम महसूस होती है और शरीर में गर्माहट बनी रहती है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए सरसों का तेल बहुत लाभकारी होता है।

गर्म पानी और हर्बल चाय

ठंड में गर्म पानी का सेवन और हर्बल चाय जैसे तुलसी-अदरक का काढ़ा पीने से शरीर को गर्म रखने में मदद मिलती है। यह न सिर्फ शरीर को अंदर से गर्म रखता है, बल्कि इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है। गर्म पानी से दिन की शुरुआत करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म भी अच्छा रहता है। हर्बल चाय और काढ़े में आप दालचीनी, लौंग, काली मिर्च जैसे मसाले मिला सकते हैं, जो शरीर को गर्मी देने का काम करते हैं।



 शरीर में गर्माहट बनाए रखने के आयुर्वेदिक नुस्खे

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ और इनके फायदे

आयुर्वेद में सर्दियों से बचाव के लिए कई जड़ी-बूटियाँ और उपाय बताए गए हैं। इनमें सबसे खास हैं अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, और मुलेठी। अश्वगंधा को शरीर को ताकत देने और गर्म रखने के लिए आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ये जड़ी-बूटी ठंड के मौसम में शरीर की गर्मी बनाए रखने में मदद करती है, और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है। इसी तरह गिलोय और तुलसी भी ठंड में रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं। इनका सेवन चाय या काढ़े के रूप में किया जा सकता है।

आयुर्वेदिक डॉक्टरों की सलाह और अनुभवी सुझाव


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कई आयुर्वेदिक डॉक्टर और विशेषज्ञ मानते हैं कि ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए नियमित मालिश और सही खानपान जरूरी होता है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर हमारी "पाचन अग्नि" अच्छी है, तो ठंड का प्रभाव शरीर पर कम पड़ता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर ठंड से बचने के लिए गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ खाने की सलाह देते हैं, जैसे कि मेथी, अजवाइन, गुड़, और गर्म मसाले। इसके अलावा, कुछ विशेषज्ञ दूध के साथ हल्दी या अश्वगंधा पाउडर मिलाकर पीने की सलाह देते हैं ताकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और ठंड कम महसूस हो।

गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा का उपयोग

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से गिलोय और तुलसी का काढ़ा पीना सर्दियों में बेहद लाभकारी माना गया है। तुलसी और गिलोय दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो शरीर की ऊर्जा और गर्मी को बनाए रखते हैं। इसके अलावा, अश्वगंधा का सेवन शरीर को ताकत और गर्मी देने का एक प्राकृतिक तरीका है। इसे दूध में मिलाकर या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है। इससे न केवल ठंड से राहत मिलती है, बल्कि तनाव भी कम होता है।

 ठंड से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव


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सर्दियों में व्यायाम और योग का महत्व

ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए हल्का व्यायाम और योग करना बहुत फायदेमंद होता है। योग से शरीर में रक्त का प्रवाह सही बना रहता है, और इससे शरीर में गर्माहट बनी रहती है। सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन, और ताड़ासन जैसे आसन ठंड में शरीर को गर्म रखने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, प्राणायाम (सांस से संबंधित योग) करने से फेफड़ों में गर्मी बढ़ती है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी गर्माहट महसूस होती है।

गर्म कपड़े पहनने और शरीर ढकने के तरीके

ठंड से बचने के लिए सबसे आसान उपाय है, कि हम सही प्रकार के कपड़े पहनें। ऊनी कपड़े ठंड में शरीर को गर्म रखते हैं, और ठंडी हवा को शरीर के अंदर नहीं आने देते। सर्दियों में विशेष ध्यान रखें कि कान, गला और पैरों को हमेशा ढके रहें, क्योंकि शरीर में ठंड इन्हीं हिस्सों से जल्दी लगती है। अगर संभव हो तो गर्म इनर वियर पहनें, जिससे शरीर की गर्मी बाहर न निकले और ठंड का असर कम हो।

सर्दियों में हाइड्रेटेड रहने के उपाय

सर्दियों में अक्सर लोग पानी पीना कम कर देते हैं, लेकिन हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी है। ठंड में शरीर में पानी की कमी भी ठंड का कारण बन सकती है। आप चाहे तो गुनगुना पानी पी सकते हैं, जो शरीर को गर्म भी रखता है और पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है। इसके अलावा, सर्दियों में सूप, गर्म दूध, और हर्बल चाय का सेवन करें ताकि शरीर में नमी बनी रहे और ठंड से भी राहत मिले।

प्राणायाम से शरीर को गर्म रखने के तरीके

प्राणायाम से फेफड़ों में गर्माहट बढ़ती है और सांस की समस्याओं से राहत मिलती है। ठंड के मौसम में भस्त्रिका प्राणायाम, कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने से शरीर को गर्मी मिलती है और ठंड का असर कम होता है। भस्त्रिका प्राणायाम में गहरी और तेज सांसें ली जाती हैं, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है और शरीर गर्म रहता है। वहीं, कपालभाति करने से पेट की नसों में गर्मी आती है और शरीर के अन्य अंग भी स्वस्थ रहते हैं।



 ठंड के कारण सेहत पर असर और सावधानियाँ

ज्यादा ठंड में डॉक्टर से कब मिलें?

अगर ठंड ज्यादा महसूस हो रही हो और उसके साथ कुछ गंभीर लक्षण दिखें जैसे कि दिल की धड़कन तेज होना, लगातार थकावट, हाथ-पैरों का सुन्न होना, या चक्कर आना, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। ये लक्षण किसी अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या के भी संकेत हो सकते हैं। अगर किसी को थायरॉयड या एनीमिया की समस्या है, तो ठंड ज्यादा लगने पर डॉक्टर की सलाह से ही उपचार शुरू करें, क्योंकि इस स्थिति में सही इलाज न होने पर समस्या बढ़ सकती है।

ठंड से होने वाले गंभीर लक्षण

कुछ लोग ठंड के कारण ज्यादा ही संवेदनशील होते हैं, जिन्हें बार-बार जुकाम, खांसी, और बुखार जैसी समस्याएं होती हैं। अगर किसी को बार-बार ये लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए, क्योंकि ये इम्यून सिस्टम में कमजोरी के संकेत हो सकते हैं। ठंड में अधिक समय तक बाहर रहना या ठंडे पानी का इस्तेमाल करना भी खतरे का कारण बन सकता है, इसलिए सावधानी बरतें और ठंड से बचने के उपाय अपनाएं।

 बच्चों और बुजुर्गों के लिए ठंड में विशेष देखभाल

बच्चों को ठंड से बचाने के आसान तरीके

ठंड के मौसम में बच्चों का खास ध्यान रखना जरूरी होता है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी वयस्कों की तुलना में कमजोर होती है। बच्चों को हमेशा गर्म कपड़े पहनाएं और कान व सिर ढक कर रखें, ताकि ठंडी हवा उन पर सीधे न पड़े। साथ ही, बच्चों को गरम सूप, हल्दी वाला दूध या अदरक-तुलसी का काढ़ा पिलाएं, जिससे उनका शरीर अंदर से गर्म रहे। बच्चों को ठंड के मौसम में बाहर खेलने जाने से पहले कपड़े अच्छी तरह से पहनाएं और उन्हें फलों का सेवन भी कराएं ताकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहे।

 बुजुर्गों के लिए सर्दियों में खास देखभाल

बुजुर्गों के लिए ठंड का मौसम कई बार स्वास्थ्य के लिहाज से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है। इसलिए बुजुर्गों को सर्दियों में नियमित मालिश करवाना फायदेमंद होता है। इसके अलावा, उन्हें गुनगुने पानी से स्नान करने की सलाह दी जाती है और भोजन में गर्म तासीर वाली चीजें शामिल करें जैसे गुड़, सूखे मेवे, और मसालेदार सूप। बुजुर्गों को भी हल्का व्यायाम या सुबह की धूप में बैठना चाहिए ताकि शरीर में प्राकृतिक रूप से गर्माहट बनी रहे।


आयुर्वेद में शरीर में ठंड लगने का कारण

आयुर्वेद के अनुसार, ठंड का संबंध शरीर के वात दोष से होता है। सर्दियों में वात दोष बढ़ने से शरीर में सूखापन और ठंडक बढ़ जाती है। वात दोष का संतुलन बनाए रखने के लिए आयुर्वेद में गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है, जैसे कि तिल, घी, और मसाले। साथ ही, आयुर्वेद में शरीर को नियमित रूप से तेल की मालिश करने को भी ठंड से बचने का उपाय माना गया है। इस विधि को "अभ्यंग" कहा जाता है, जो शरीर में गर्माहट लाने के साथ-साथ वात दोष को भी नियंत्रित करता है।



निष्कर्ष,

शरीर में ठंड ज्यादा लगना सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह लगातार परेशानी का कारण बन रहा है तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय, घरेलू नुस्खे, और कुछ छोटे-छोटे लाइफस्टाइल बदलाव बेहद फायदेमंद हो सकते हैं। अदरक, तुलसी, अश्वगंधा जैसे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन, सरसों और तिल के तेल से मालिश, और सही खानपान से शरीर को गर्म रखा जा सकता है। इसके अलावा, योग और प्राणायाम से शरीर में गर्मी और ऊर्जा बनी रहती है, जिससे ठंड का असर कम होता है।

बच्चों और बुजुर्गों के लिए खास ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, और ठंड के मौसम में उन्हें अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। ठंड ज्यादा महसूस हो और साथ में स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ रही हों तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। आशा है कि इन सरल उपायों और सुझावों की मदद से आप ठंड के मौसम का आनंद ले सकेंगे और ठंड से होने वाली समस्याओं से भी बच पाएंगे।

हमेशा पूछे जाने वाले सवाल 

शरीर में ठंड ज्यादा क्यों लगती है?

ठंड ज्यादा महसूस होना कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि थायरॉयड समस्या, खून की कमी (एनीमिया), या शरीर में ऊर्जा का स्तर कम होना। अगर ये समस्या बार-बार हो रही है, तो डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।

क्या ठंड ज्यादा लगना किसी बीमारी का संकेत है?

हां, अगर ठंड के साथ थकान, चक्कर आना, या सुस्ती भी महसूस हो तो ये किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है, जैसे थायरॉयड या एनीमिया। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

आयुर्वेदिक उपाय कौन से अपनाए जा सकते हैं ठंड से बचने के लिए?

ठंड से बचने के लिए आयुर्वेद में अदरक, तुलसी, अश्वगंधा और गिलोय जैसी जड़ी-बूटियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, सरसों या तिल के तेल से मालिश करना भी फायदेमंद होता है।

सर्दियों में बच्चों और बुजुर्गों के लिए क्या खास करें?

बच्चों और बुजुर्गों को सर्दियों में गर्म कपड़े पहनाएं, अदरक और तुलसी का काढ़ा दें, और ठंडे पानी से बचाएँ। उनके खानपान में गुड़, सूखे मेवे और हल्दी वाला दूध शामिल करें ताकि उनकी इम्यूनिटी बनी रहे।

क्या खाने-पीने से ठंड लगने पर फर्क पड़ता है?

हां, गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ जैसे अदरक, हल्दी, गुड़ और गर्म मसाले ठंड से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, गर्म सूप और हर्बल चाय का सेवन भी शरीर को अंदर से गर्म रखता है।

ठंड से बचने के लिए घर पर क्या-क्या कर सकते हैं?

घर पर आप गुनगुने पानी से स्नान कर सकते हैं, तेल मालिश कर सकते हैं, और गर्म कपड़े पहन सकते हैं। साथ ही, हल्दी वाला दूध, हर्बल चाय और गर्म सूप पीना भी फायदेमंद होता है।

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