अंगूर खाने के 20 अद्भुत फायदे जो आपको चौंका देंगे?
अंगूर खाने के 20 अद्भुत फायदे
परिचय,
20 amazing benefits of eating grapes: अंगूर, छोटे-छोटे मीठे और रस भरे दाने, न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट हैं, बल्कि सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं। चाहे काले हों, हरे हों या लाल, अंगूर हर रूप में फायदेमंद हैं। आयुर्वेद में इसे "द्राक्षा" कहा गया है और इसे शरीर को ऊर्जा देने वाला और संतुलन बनाए रखने वाला फल माना गया है।
यह लेख आपको बताएगा कि अंगूर खाने के क्या-क्या फायदे हैं, इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसे कैसे और कब खाना चाहिए, क्या नुकसान हो सकते हैं, और आयुर्वेद में इसका क्या महत्व है। यहां आपको सरल, समझने योग्य और असली जीवन के अनुभव के आधार पर जानकारी दी जाएगी।
अंगूर के प्रकार और उनकी विशेषताएं
अंगूर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं,हरे, काले और लाल। इनका स्वाद, पोषण और स्वास्थ्य लाभ थोड़ा-थोड़ा अलग होता है।1. हरे अंगूर
यह स्वाद में खट्टे-मीठे होते हैं और इनका उपयोग ज्यादातर सलाद या सीधे खाने में किया जाता है।
इनमें कैलोरी कम होती है और ये वजन घटाने में मददगार होते हैं।
इनमें कैलोरी कम होती है और ये वजन घटाने में मददगार होते हैं।
2.काले अंगूर
काले अंगूर का स्वाद गहरा और मीठा होता है।
इनमें रेसवेराट्रॉल और एंटीऑक्सीडेंट्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो दिल और त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं।
इनमें रेसवेराट्रॉल और एंटीऑक्सीडेंट्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो दिल और त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं।
3. लाल अंगूर
लाल अंगूर स्वाद में मीठे और खट्टे होते हैं।
इनमें पोटैशियम और विटामिन K भरपूर होता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता है।
कैसे पहचानें अच्छा अंगूर?
अंगूर ताजे, चमकदार और दृढ़ होने चाहिए।अगर अंगूर का गुच्छा सूखा और दाने झड़ रहे हों, तो उसे न खरीदें।
अंगूर खाने के 20 फायदे
अंगूर केवल एक फल नहीं है, यह सेहत और पोषण का खजाना है। आइए जानें इसके 20 प्रमुख फायदे:- इम्यूनिटी को बढ़ाता है: अंगूर में विटामिन C होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। सर्दी-खांसी और वायरल संक्रमण से बचाव में यह बहुत उपयोगी है।
- दिल की सेहत का रखवाला: इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, खासकर रेसवेराट्रॉल, दिल की धमनियों को साफ रखते हैं और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं।
- कैंसर से बचाव: काले अंगूर में खासकर कैंसर से लड़ने वाले गुण होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को खत्म करके कैंसर के खतरे को कम करते हैं।
- स्किन को चमकदार बनाता है: अंगूर खाने से त्वचा में निखार आता है। इसके रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को अंदर से साफ और जवां बनाते हैं।
- पाचन को दुरुस्त करता है: फाइबर से भरपूर अंगूर कब्ज को दूर करता है और पेट को हल्का महसूस कराता है।
- वजन घटाने में मददगार: कम कैलोरी और प्राकृतिक मिठास वाला अंगूर वजन घटाने के लिए बेहतरीन विकल्प है।
- हड्डियों को मजबूत करता है: अंगूर में मौजूद कैल्शियम और विटामिन K हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी हैं।
- आंखों की रोशनी बढ़ाता है: इसमें ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन नामक पोषक तत्व होते हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखते हैं और मोतियाबिंद के खतरे को कम करते हैं।
- शरीर को डीटॉक्स करता है: अंगूर का जूस शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
- तनाव कम करता है: अंगूर में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होते हैं।
- मस्तिष्क के लिए फायदेमंद: अंगूर में मौजूद रेसवेराट्रॉल दिमाग के लिए अमृत समान है। यह याददाश्त बढ़ाता है और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को कम करता है।
- दिल और रक्तचाप को नियंत्रित करता है: पोटैशियम से भरपूर अंगूर ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।
- एजिंग को धीमा करता है: अंगूर का सेवन झुर्रियां और बुढ़ापे के अन्य लक्षणों को कम करता है।
- डायबिटीज में फायदेमंद: काले अंगूर सीमित मात्रा में खाने से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
- शरीर को ऊर्जा देता है: अंगूर त्वरित ऊर्जा देने वाला फल है। वर्कआउट के बाद इसे खाना फायदेमंद होता है।
- बालों की सेहत सुधारता है: अंगूर में विटामिन E और आयरन बालों को झड़ने से रोकते हैं, और उन्हें घना बनाते हैं।
- किडनी को स्वस्थ रखता है: अंगूर में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी को साफ रखने में मदद करती है।
- खून को साफ करता है: अंगूर का सेवन खून को शुद्ध करने में सहायक होता है।
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाता हैं: इसमें मौजूद तत्व फेफड़ों को मजबूती देते हैं, और अस्थमा के लक्षणों को कम करते हैं।
- संक्रमण से बचाव: अंगूर में मौजूद गुण बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
अंगूर में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं?
अंगूर में कई प्रकार के विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर को सेहतमंद बनाए रखते हैं।तत्व | फायदे |
---|---|
विटामिन C | रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। |
विटामिन K | खून जमने और हड्डियों की मजबूती में सहायक। |
पोटैशियम | ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है। |
फाइबर | पाचन को सुधारता है और कब्ज को दूर करता है। |
एंटीऑक्सीडेंट | फ्री रेडिकल्स से बचाकर कैंसर का खतरा कम करता है। |
अंगूर खाने का सही तरीका और समय
- ताजा अंगूर खाएं: सुबह या दोपहर के समय ताजे अंगूर खाना सबसे अच्छा होता है।
- जूस बनाकर पिएं: अंगूर का जूस ताजगी और ऊर्जा देता है।
- मुनक्का का सेवन करें: रात को भिगोकर सुबह खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
- सीमा में खाएं: रोजाना 100-150 ग्राम अंगूर से अधिक न खाएं।
अंगूर खाने के नुकसान
- डायबिटीज के मरीज सावधान रहें: इसमें नैचुरल शुगर अधिक होती है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकती है।
- पेट फूलने की समस्या: ज्यादा अंगूर खाने से गैस या पेट फूलने की समस्या हो सकती है।
- एलर्जी का खतरा: कुछ लोगों को अंगूर खाने से एलर्जी हो सकती है।
- दांतों की सड़न: अंगूर में एसिड और शुगर अधिक होने के कारण दांतों पर बुरा असर पड़ सकता है।
- वजन बढ़ा सकता है: इसमें नैचुरल शुगर अधिक होती है, जिससे अधिक खाने पर वजन बढ़ सकता है।
आयुर्वेद में अंगूर का महत्व
आयुर्वेद में अंगूर को एक ऐसा फल माना गया है, जो शरीर में वात और पित्त दोष को संतुलित करता है। चरक संहिता में इसे ऊर्जा देने वाला और पाचन सुधारने वाला फल बताया गया है।अंगूर और आयुर्वेदिक शास्त्र: कौन-कौन सी किताबों में उल्लेख है?
आयुर्वेदिक शास्त्रों में अंगूर का विशेष स्थान है। यह फल कई ग्रंथों में वर्णित है।चरक संहिता
चरक संहिता में अंगूर का उल्लेख औषधीय गुणों के संदर्भ में किया गया है। यह विशेष रूप से शीतल, मधुर (मीठा), और बलवर्धक माना गया है। इसमें अंगूर को "द्राक्षा" नाम से संबोधित किया गया है। आइए इसका एक श्लोक और उसका अर्थ देखें:
अगर आप इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग करना चाहते हैं, तो यह रस (जूस), सुखाए हुए अंगूर (किशमिश), या दवाओं के रूप में अत्यंत लाभकारी है।
श्लोकअर्थ
द्राक्षा शीतला मधुरा हृद्या तृष्णामदनुत्
बल्या वृष्या रुच्योष्णपित्तास्रदाहनुत्।
- द्राक्षा शीतला: अंगूर स्वभाव से शीतल होता है।
- मधुरा: इसका स्वाद मीठा होता है।
- हृद्या: यह हृदय के लिए हितकारी है।
- तृष्णामदनुत्: प्यास को शांत करता है।
- बल्या: यह शरीर को बल और ऊर्जा प्रदान करता है।
- वृष्या: यह प्रजनन शक्ति (वृषण शक्ति) को बढ़ाता है।
- रुच्य: भूख बढ़ाने वाला और पाचन में सहायक है।
- उष्णपित्तास्रदाहनुत्: यह उष्णता, पित्त विकार, रक्तदोष और जलन को शांत करता है।
अर्थ विस्तार से
अंगूर का उपयोग आयुर्वेद में विशेष रूप से शरीर को ठंडक प्रदान करने, पाचन में सुधार, और प्यास व थकान को दूर करने के लिए किया जाता है। यह न केवल एक बलवर्धक फल है, बल्कि शरीर के अंदर होने वाले गर्मी और पित्त के असंतुलन को भी संतुलित करता है। इसे स्वस्थ और बलशाली शरीर के लिए उपयुक्त माना गया है।अगर आप इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग करना चाहते हैं, तो यह रस (जूस), सुखाए हुए अंगूर (किशमिश), या दवाओं के रूप में अत्यंत लाभकारी है।
सुश्रुत संहिता
सुश्रुत संहिता में भी अंगूर (द्राक्षा) के गुणों का उल्लेख किया गया है। इसमें द्राक्षा को औषधीय फल के रूप में वर्णित किया गया है, जो शरीर को पोषण देने, पाचन को सुधारने और विभिन्न विकारों को संतुलित करने में सहायक है।
सुश्रुत संहिता का श्लोकद्राक्षा मधुरा स्निग्धा हृद्या तृष्णामदापहा।बल्या श्लेष्मकरा शुक्र्या पित्तास्रदाहनाशिनी।
अर्थ विस्तार से
- द्राक्षा मधुरा: अंगूर स्वाद में मीठा होता है।
- स्निग्धा: यह स्निग्ध (चिकनाईयुक्त) गुण वाला है, जो शरीर को पोषण देता है।
- हृद्या: यह हृदय के लिए फायदेमंद है और मन को प्रसन्न करता है।
- तृष्णामदापहा: प्यास और अत्यधिक मद (थकान) को दूर करता है।
- बल्या: शरीर को बल प्रदान करता है।
- श्लेष्मकरा: यह कफ को बढ़ा सकता है, इसलिए अधिक मात्रा में सेवन से बचना चाहिए।
- शुक्र्या: यह शुक्राणु वृद्धि में सहायक है और प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है।
- पित्तास्रदाहनाशिनी: यह पित्त और रक्त विकारों के कारण होने वाली जलन को शांत करता है।
अर्थ विस्तार से
सुश्रुत संहिता में द्राक्षा को स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण फल माना गया है, जो शरीर में तरल पदार्थों की पूर्ति करता है और ताजगी बनाए रखता है। इसे शीतलता प्रदान करने वाले और रक्त-संचार में सुधार लाने वाले फलों में गिना गया है। अंगूर का उपयोग विशेष रूप से उन स्थितियों में किया जाता है, जहां पित्त विकार, प्यास या शारीरिक थकान हो।
नोट: कफ बढ़ाने वाले गुणों के कारण इसे संतुलित मात्रा में सेवन करने की सलाह दी गई है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो कफ प्रकृति के हैं।
भावप्रकाश निघंटु: इस ग्रंथ में अंगूर के उपयोग से पाचन सुधारने, खांसी में राहत, और त्वचा को चमकदार बनाने के नुस्खे दिए गए हैं।
आयुर्वेदिक उपाय
- पाचन सुधारने के लिए: मुनक्का को रातभर भिगोकर सुबह खाएं।
- खांसी और गले की समस्या: अंगूर का रस शहद के साथ लेने से खांसी में आराम मिलता है।
- डिहाइड्रेशन में: अंगूर का जूस पीने से शरीर को तुरंत हाइड्रेशन मिलता है।
डॉक्टरों का अनुभव और राय
आयुर्वेदिक डॉक्टर मानते हैं कि अंगूर एक संपूर्ण फल है।
डॉ. अनीता शर्मा कहती हैं।
अंगूर का नियमित सेवन शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। यह त्वचा, बाल, और दिल की सेहत के लिए एक अद्भुत फल है।
अंगूर खाने का सही तरीका और समय
- सुबह का समय: सुबह के नाश्ते में अंगूर शामिल करना फायदेमंद होता है।
- खाली पेट न खाएं: अंगूर को खाली पेट खाने से एसिडिटी हो सकती है।
- सलाद में मिलाएं: इसे सब्जियों और ड्राई फ्रूट्स के साथ मिलाकर खाएं।
- रात में खाने से बचें: रात में अंगूर खाने से पाचन धीमा हो सकता है।
- जूस की जगह फल खाएं: जूस के मुकाबले पूरा अंगूर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
अंगूर का रस बनाते समय ध्यान दें
अंगूर का रस बनाते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- 1. ताजे और साफ अंगूर चुनें।
- 2. चीनी या अन्य कृत्रिम मिठास न मिलाएं।
- 3. फाइबर के लिए छानें नहीं।
- 4. तुरंत पिएं ताकि पोषण बना रहे।
अंगूर रस के फायदे
- त्वचा में चमक: सुबह खाली पेट अंगूर का रस पीने से त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनती है।
- डिटॉक्स: अंगूर का रस शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
अंगूर के पत्ते और बीज के फायदे
अंगूर का उपयोग सिर्फ फल के रूप में नहीं होता, बल्कि इसके पत्ते और बीज भी औषधीय गुणों से भरपूर हैं।अंगूर के पत्ते
पाचन में सहायक: पत्तियों को सुखाकर चाय के रूप में इस्तेमाल करें।एंटीबैक्टीरियल: पत्तियां संक्रमण से बचाती हैं।
अंगूर के बीज
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर: बीजों का पाउडर दिल और त्वचा के लिए लाभदायक है।
डायबिटीज में उपयोगी: बीजों का सेवन ब्लड शुगर नियंत्रित करता है।
अंगूर का सेवन उम्र और सेहत के हिसाब से
- बच्चे (3-12 वर्ष): छोटे बच्चों को 5-10 अंगूर दें।
- इनका रस देना भी अच्छा है।
- टीनएजर्स और युवा: इस आयु वर्ग में 100-150 ग्राम अंगूर रोज खाना फायदेमंद है।
- बुजुर्ग: बुजुर्गों को हरे अंगूर खाना चाहिए, क्योंकि ये हल्के और आसानी से पचने वाले होते हैं।
- गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को अंगूर सीमित मात्रा में खाना चाहिए। इसमें आयरन और फोलिक एसिड होता है, जो गर्भस्थ शिशु के विकास में मदद करता है।
अंगूर से जुड़ी दिलचस्प बातें
- 1. अंगूर दुनिया के सबसे पुराने फलों में से एक है, जिसकी खेती लगभग 8,000 साल पहले शुरू हुई थी।
- 2. काले अंगूर से रेड वाइन बनाई जाती है, जिसे सीमित मात्रा में पीने पर सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।
- 3. एक अंगूर का गुच्छा 80% तक पानी से बना होता है, इसलिए यह शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है।
- 4. अंगूर को "सुपरफ्रूट" माना जाता है क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है।
निष्कर्ष,
अंगूर केवल एक फल नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य और स्वाद का ऐसा संयोजन है, जो जीवन को बेहतर बना सकता है। इसे नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करें। चाहे आप इसे नाश्ते में खाएं, सलाद में मिलाएं या इसका रस पिएं—अंगूर हर रूप में फायदेमंद है।आयुर्वेद और विज्ञान दोनों ने अंगूर को सुपरफूड का दर्जा दिया है। इसलिए, इस मीठे और पौष्टिक फल का भरपूर आनंद लें और इसके लाभों को अपने जीवन में शामिल करें।
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